लालू के बेटे नहीं संभाल पा रहे पार्टी की विरासत….

VOB Desk

पटना: बिहार में विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां तेज हो गयीं हैं, चुनाव का समय समीप आते ही सत्ता के गलियारों में हमेशा की तरह उलट फेर शुरू हो चुका है। लालू प्रसाद यादव के साथी रहे, पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह ने कल राष्ट्रीय जनता दल (RJD) से इस्तीफा दे दिया. जबकि लालू उनका इस्तीफा नामंजूर कर बैठकर समस्या को सुलझाने की बात कह रहें हैं । मौका मिलते ही जनता दल यूनाइटेड ने राजनीति करने में जरा भी देर नहीं की और पार्टी के संसदीय दल के नेता ललन सिंह ने रघुवंश प्रसाद सिंह को एसेट बताते हुए अपनी पार्टी में स्वागत किया। हालाँकि इन सबको देखते हुए ऐसा लगता है कि रघुवंश प्रसाद को समझ कर समस्या को सुलझानी चाहिए। क्यूंकि बिहार के इस कद्दावर नेता को सब अपने पास रखना चाह रहें है चाहे वो आरजेडी हो या फिर जे.डी.यू.। 

जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने तंज़ कसते हुए कहा कि आखिरकार रघुवंश बाबू का सब्र टूट ही गया उन्हें निर्णय लेना पड़ा, साथ ही बीजेपी प्रवक्ता निखिल आनंद ने तेज प्रताप और तेजस्वी पर हमला बोलते हुए कहा कि आरजेडी की कथा और व्यथा दोनों ही मजेदार है। तेज प्रताप जब भी वरिष्ठ नेताओं को अपमानित करते हैं तो तेजस्वी चुप्पी साध लेते हैं। 

एनडीए में शामिल दलों के प्रहार का जवाब देते हुए राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि पहले खुद के गिरेबां में झांकें। साथ ही इन्होंने भाजपा के वरीय नेताओं के साथ हुए अपमान को गिनाते हुए कहा की लाल कृष्ण आडवाणी, यशवंत सिन्हा, मुरली मनोहर जोशी और जॉर्ज फर्नांडिस के साथ क्या किया। राजद प्रवक्ता ने खुद को बचाते हुए कहा कि यहां सब ठीक है, हम जल्द ही सभी समस्याओं को आपस में बैठकर सुलझा लेंगे।

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