किसी वेब-सीरीज से कम नहीं है, विकास दुबे की कहानी….
Poonam Masih
कानपुर: लॉकडाउन के दौरान लगभग हर तीसरे व्यक्ति ने बेव सीरीज का खूब मजा लिया। इनमें कुछ वेब सीरीज सच्ची घटनाओं पर आधारित थी। तो कुछ काल्पनिक थी लेकिन जो कुछ उनमें दिखाया गया है वह कहीं न कहीं सच ही लगती है। भौकाल, रक्तांचल,पाताल लोक ये ऐसी सीरीज है जो अपराध, राजनीति, प्रशासन के बारे में लोगों को सोचने के लिए मजबूर करती हैं। इन्ही वेब-सीरीज के जैसी कहानी है कानपुर के विकास दुबे की।
विकास दुबे एक ऐसा नाम जिसने बृहस्पतिवार का सारा दिन हर टीवी चैनल सोशल साइट पर खूब सुर्खियां बटोरी। पूरी कहानी सुनने और पढ़ने में एक वेब सीरीज पूरे सीजन के तरह महसूस होती है। जहां एक अपराधी के हौसले इतने बुलंद है कि वह पुलिसवालों को ही मात देकर कई घरों के चिराग को बुझा गया। लेकिन सोचने वाली बात यह है कि इन अपराधियों के पास इतना हौसला कहां से आता है। हौसला भी इतना ज्यादा है कि चार में से तीन रास्तों को घेरकर पुलिस वालों को ही शहीद कर दिया।
मतलब साफ है इन अपराधियों का सीधा संपर्क राजनीति और प्रशासन से होता है। 2019 की एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार देश में 29% दागी सांसद हैं। मतलब साफ है अपराधी ही देश की राजनीति चला रहे हैं। जब अपराधी देश चलाएंगे तो आप समझ लीजिए विकास दुबे जैसे लोग ही तो पैदा होगें। जो पुलिस और प्रशासन को धप्पा बोल रहे हैं। खबरें तो यहां तक है कि विकास दुबे को पहले से खबर मिल गई थी पुलिस उसके ठिकाने पर छापा मारने वाली है। यानि कि घर के भेदी ने ही लंका को ठाह दिया। जैसे रक्तांचल में नेता जी एक अपराधी को शरण देकर अपने काम और दबदबे को बरकरार रखते थे । खबरों के अनुसार दुबे नगर पंचायत सदस्य भी रह चुका है मतलब साफ है राजनीतिक रसूख भी था।
विकास दुबे का हाल भी रक्तांचल के विजय सिंह जैसा है जो छोटी उम्र में ही अपराध की दुनिया में कदम रख लेता है। मात्र 19 साल की उम्र में किसी मंत्री को पुलिस के सामने मार देना कोई खेल नहीं है। हिम्मत चाहिए होती है हम में से कुछ लोग 19 साल की उम्र तक रात को बाहर से अकेले आने से डरते हैं और यहां तो किसी को स्वर्गलोक को ही दर्शन करवा दिया गए। सब कुछ साफ था कि अब जुर्म की दुनिया का बादशाह बनना था। जैसे विजय सिंह ने वेब सीरीज में पिता की मौत से मामला शुरु किया और धीरे-धीरे अपराध की दुनिया का बादशाह बन गया। विजय की मां ने भी उसे घर से निकाल दिया था। और यहां दुबे ने ही अपनी मां को बाहर का रास्ता दिखा दिया था। घटना के बाद उसकी मां का बयान था कि वह विधायक बनना चाहता था। यानि की राजनीति का सहारा कहीं न कहीं था ही जैसे आजकल वेबसीरीज में दिखाया जा रहा है।
सबसे महत्वपूर्ण बात एक पूरा गैंग है इन लोगों का तभी तो विकास दुबे का जब पुलिस एनकांउटर करने गयी तो तीन रास्तों से उसके लोगों ने पुलिस को ही घेर लिया। इससे साफ जाहिर है अपराधियों का गैंग कितना मजबूत होता है। ये सभी इन लोगों के कारण अपनी जान की भी परवाह नहीं करते हैं। पूरा मामला देखा जाता है तो साफ जाहिर होता है यह किसी एक व्यक्ति का खेल नहीं ब्लकि पूरे ऊपर से नीचे तक हर किस्म का शख्स इससे जुड़ा हुआ है।
डिस्क्लेमर- कलमकार जनसंचार विश्लेषक हैं, ये उनके निजी विचार हैं।