आखिर 100 करोड़ जनसंख्या क्यों चाहते हैं अमेरिकी…
Team VOB
अमेरिका की गिरती जन्मदर ने विशेषज्ञों के माथे पर शिकन लानी शुरू कर दी है, महामारी ने एक बार अमेरिकियों को सोचने पर मजबूर कर दिया है, आर्थिक ताकत को मजबूत करने के साथ-साथ अब अमेरिकी जनसंख्या को 100 करोड़ तक पहुंचाने की बात कर रहे हैं। इधर हम बढ़ती जनसँख्या को लेकर चिंतित हैं, उधर अमेरिका में आने वाले वर्षों में जनसंख्या को बढाने को लेकर विचार किया जा रहा है।
कोरोना महामारी ने लोगों की जीवन निश्चितता पर कहीं न कहीं एक प्रश्नचिन्ह लगाने का काम किया है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में स्पष्ट दर्शाया गया है कि अमेरिका में महिलायें महामारी के दौरान माँ बनने से बाख रहीं हैं, इस रिपोर्ट में प्रति हजार महिलाओं पर जन्मदर कुल 56 बतायी गयी है।
सैकड़ों वर्षों के निचले स्तर पर पहुंची जन्मदर..
अमेरिका की गिरती जन्मदर ने विशेषज्ञों के माथे पर शिकन लानी शुरू कर दी है, महामारी ने एक बार अमेरिकियों को सोचने पर मजबूर कर दिया है, आर्थिक ताकत को मजबूत करने के साथ-साथ अब अमेरिकी जनसंख्या को 100 करोड़ तक पहुंचाने की बात कर रहे हैं। इधर हम बढ़ती जनसँख्या को लेकर चिंतित हैं, उधर अमेरिका में आने वाले वर्षों में जनसंख्या को बढाने को लेकर विचार किया जा रहा है।
कोरोना महामारी ने लोगों की जीवन निश्चितता पर कहीं न कहीं एक प्रश्नचिन्ह लगाने का काम किया है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में स्पष्ट दर्शाया गया है कि अमेरिका में महिलायें महामारी के दौरान माँ बनने से बाख रहीं हैं, इस रिपोर्ट में प्रति हजार महिलाओं पर जन्मदर कुल 56 बतायी गयी है।
सैकड़ों वर्षों के निचले स्तर पर पहुंची जन्मदर…
अमेरिका में जन्मदर करीब 112 साल के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुँच गयी है। Central For Disease control (CDC) की रिपोर्ट में बताया गया है कि इसके पहले अमेरिका में निचली जन्मदर 1979 में देखि गयी थी, लेकिन 2021 में अब तक प्राप्त आंकड़ों को देखें तो 112 साल का वह निचला रिकॉर्ड भी टूटता दिखाई दे रहा है। अभी अमेरिका में जन्मदर 1000 महिलाओं पर मात्र 56 रह गयी है जो कि सबसे कम है।
कुछ समय पहले अमेरिका में फर्टिलिटी रेट 2।1 था जो अब घटकर 1।6 पहुंच गया है, आर्थिक विशेषज्ञों ने इस रिपोर्ट को लेकर अपनी चिंता जाहिर की है, इन लोगों का मानना है कि कोई भी आर्थिक तरक्की पर तभी खड़ा रह सकता है जब उस देश की जनसँख्या शक्तिशाली एवं संपन्न हो, एक बूढा संपन्न समाज तरक्की के पायदानों पर बहुत देर तक खड़ा नहीं रह सकता। इन विशेषज्ञों का यह मानना है कि अमेरिका को 100 करोड़ की जनसख्या वाला एक संपन्न देश बनना होगा।
एक समस्या यह भी…
आर्थिक विशेषज्ञों ने यह बात भी स्वीकार की है कि इतनी बड़ी जनसँख्या को भोजन उपलब्ध करा पाना एक बहुत बड़ी चुनौती होगी। अतः बच्चे पैदा कारने से पहले यह सोचना होगा कि उन्हें हम भोजन कहाँ से दे पायेंगे। आज भोजन समूचे विश्व के लिए बहुत बड़ी समस्या बन चुका है, आने वाले समय में भुखमरी और कुपोषण महामारी का कारण बनेंगे। जलवायु परिवर्तन और बढ़ती जनसँख्या इन दोनों समस्याओं को बढ़ावा देंगे।
करीब 4 दशकों बाद विश्व की जनसँख्या 970 करोड़ के ऊपर पहुँच जायेगी। इतने लोगों को भोजन उपलब्ध करा पाना बहुत बड़ी समस्या साबित होगा। कोरोना महामारी के दौरान हमने देखा कि विकसित एवं अग्रणी देश अमेरिका में भोजन संकट गहरा गया, वर्तमान समय में भी यहाँ खाद्द संकट दोहरा गया है।