गाइडलाइन्स को खूंटी पर टांगकर, मनमानी कर रहा है PSIT Kanpur…

Sumit Singh Vishen

एक ओर जहां पूरा देश कोरोना संकट और आर्थिक तंगी झेल रहा वहीं प्राइवेट संस्थानों और विश्वविद्यालयों ने छात्रों की मुश्किलें बढ़ा दी है। केंद्र और राज्य सरकारें कह रही है कि स्थिति सामान्य न होने तक फीस के लिए विश्वविद्यालय और कॉलेज छात्रों पर दबाव न बनाएं। आर्थिक समस्याओं के बीच यूजीसी ने भी सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को निर्देश दिए हैं कि वे छात्रों पर फीस का दबाव नहीं बनाएं। स्थिति जब तक सामान्य नहीं होतीं, तब तक फीस पेमेंट के वैकल्पिक उपाय किए जाएं।

इसके बावजूद भी कुछ कॉलेज और विश्वविद्यालय सरकार द्वरा जारी गाइडलाइंस के उपर उठकर अपनी बात छात्रों पर थोपने का निरंतर प्रयास कर रहे हैं। इसके लिए बाकायदा छात्रों को ईमेल के जरिये नोटिस भी भेजा जा रहा है। ऐसा ही एक मामला  प्राणवीर सिंह प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर, उत्तर प्रदेश (PSIT) का सामने आया है। यह एक इंजीनियरिंग संस्थान है, जो कि अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद और उत्तर प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय से संबद्ध है।

इस वक्त कोरोना और लॉकडाउन से अधिक छात्र फीस बढ़ोतरी और फीस जमा करने से परेशान हैं। लेकिन छात्रों की मजबूरी सुनने वाला कोई नही हैं।

ऑनलाइन ऑपरेटर ट्रेनिंग क्लासेज के बहाने PSIT प्रशासन छात्रों से वसूलना चाहता है लाखो की फीस:

PSIT कॉलेज प्रशासन छात्रों को ऑनलाइन ऑपरेटर ट्रेनिंग क्लासेज के बहाने (1.5 लाख रुपये) नए सत्र की फीस जमा करवाने की बात कह रहा है। साथ ही ये भी नोटिस भेजा जा रहा है कि अगर कोई छात्र पूरा फीस नही देता है तो उसको रेजिस्ट्रेशन नंबर नही मिल सकेगा जिस कारण वह ऑनलाइन कॉपरेट क्लासेस नही कर सकेगा। जिससे छात्रों के अभिभावकों की मुश्किलें बढ़ गई है कि इस महामारी काल मे वह 1.5 लाख रुपये कॉलेज प्रशासन को कहाँ से लाकर दे, और अगर वो फीस नही देते है तो उनके बच्चों का भविष्य भी कॉलेज प्रशासन दाव पर लगा सकता है। ऐसे में पूरी आशा केंद्र और राज्य सरकार पर है कि वही कोई रास्ता इन असहाय छात्रों के लिए निजात करें।

Registration page & Guidelines for students, provided by PSIT Administration

PSIT संस्थान द्वारा जारी गाइडलाइन पर गौर कीजिये-

1. सभी B.tech और MBA (2019-20121) बैच के छात्रों को अपने नए सत्र की फीस भरनी है।

2. फीस भरने के बाद ही उनको ऑनलाइन क्लासेस के लिए रेजिस्ट्रेशन नंबर या रोल नंबर उपलब्ध कराया जाएगा।

3.छात्रों को प्रतिदिन 3GB का 4G या 3G हाई स्पीड डेटा पैक रखना होगा।

4. छात्रों को ऑनलाइन क्लासेस के लिए लैपटॉप,डेक्सटॉप या अच्छा स्मार्टफोन रखना अनिवार्य होगा।

5.जो छात्र ऑनलाइन क्लास में उपलब्ध नही होंगे उनकी अटेंडेंस 90% से कम होगी तो उन पर कार्यवाही की जाएगी।

अभी 2nd  सेमेस्टर पूरा नहीं हुआ, 3rd की फीस वसूल रहे-

बता दें कि ऑनलाइन क्लास जॉइन करने के लिए जब छात्र अपना रजिस्ट्रेशन कॉलेज के लिंक पर कर रहें हैं तो उनको पहले फीस जमा करने का ऑप्शन दिया जा रहा है। वही छात्रों का कहना है कि अभी 2nd सेमेस्टर पूरा भी नही हुआ है और 3rd सेमेस्टर की लाखों की फीस भरने का ऑप्शन कॉलेज द्वारा दिया जारी कर दिया गया है।

हालांकि PSIT कॉलेज प्रशासन प्रत्यक्ष रूप से फीस की बात नही कह रहा है। लेकिन ऑनलाइन क्लास करने के लिए छात्रों को एक रजिस्ट्रेशन नंबर या रोल नंबर की आवश्यकता पड़ेगी जो फीस भरने के बाद ही छात्र को उपलब्ध कराया जाएगा।

उत्तर प्रदेश में अधिकांश छात्र ग्रामीण परिवेश से आते है ऐसे में लाखों की फीस और ये सारी व्यवस्थाए इस महामारी के दौरान करना मुश्किल से भरा साबित होगा। कुछ छात्रों से बात करने पर पता चला है कि उनके सामने नया संकट खड़ा हो गया है कि वो अपने अभिभावकों के सामने फीस की बात कैसे रखे, कुछ छात्र तो अवसाद में आ गये है कि उनको अपनी पढ़ाई बीच में ही न छोड़नी पड़े।

अभिभावक भी तनाव की स्थिति में-

छात्रों और अभिभावकों का कहना है कि कॉलेज छात्रों पर परीक्षा फीस, ट्यूशन फीस, सेमेस्टर फीस सहित अन्य प्रकार के शुल्क तत्काल जमा करने का दबाव बना रहे हैं। उनका कहना है कि लॉकडाउन की वजह से वे गहरे आर्थिक संकट में हैं और मांगी गई फीस चुकाने की स्थिति में नहीं हैं। कोरोना संकट के बीच PSIT कॉलेज ने फीस भी बढ़ा दिया है। कई छात्रों ने कहा- छोड़नी होगी पढ़ाई। यूनिवर्सिटी ने इस सत्र में 5 हजार रुपये से अधिक फीस बढ़ा दी है। देश जहां आर्थिक त्राहि एवं कोरोना जैसी महामारी से जूझ रहा है। वही PSIT कॉलेज छात्रों को मानसिक एवं आर्थिक रूप से शोषित कर रहा है। कब ऐसे विश्वविद्यालय छात्रों को शोषित करना बंद करेंगे देखने वाली बात होगी।

यूजीसी के सचिव का क्या कहना है….?

यूजीसी के सचिव प्रो. रजनीश जैन ने सभी कुलपतियों और कॉलेज प्राचार्यों से कहा है कि अगर किसी छात्र या अभिभावक की ओर से फीस चुकाने में असमर्थता जताई जाती है तो वे इस पर अमल करें और संबंधित छात्र के लिए जो भी बेहतर हो सकता है, वह करें। यह भी बताया गया है कि यूजीसी के पोर्टल की हेल्पलाइन सहित ई-मेल आदि पर छात्रों ने फीस जमा करने की दिक्कत से अवगत करवाया है।

पहले ही फीस के लिए बनाया जा चुका है विकल्प….

विवि व कॉलेजों को सुझाव दिया है कि वे छात्रों से एक साथ फीस न लें। उन्हें इसे जमा करने के विकल्प दिए जा सकते हैं, ताकि उन पर भी बोझ न पड़े। गौरतलब है कि कई। ऐसी स्थिति में छात्रों को सेमेस्टर सहित अन्य प्रकार की फीस जमा करनी होगी। शिक्षण संस्थानों को कहा गया है कि छात्रों और अभिभावकों की समस्या पर गंभीरता से ध्यान दिया जाए।

One thought on “गाइडलाइन्स को खूंटी पर टांगकर, मनमानी कर रहा है PSIT Kanpur…

  • June 21, 2020 at 4:15 am
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    क्यों भाई इतना परेशान हो, प्लेसमेंट असिस्टेंस के नाम पे यह जो ऑनलाइन क्लास चलाने को बोल रहे, पहली बात तो वो AKTU सिलेबस के के अनरूप है नहीं।दूसरी बात जब इस साल लगभग हर कंपनी बोल चुकी की वो कैंपस प्लसमेन्ट के लिए नही आएंगे , तो यह भी जान लो कि जो करना है खुद से ही करना है। एक लिखित शिकायत VC office और CMO को प्रेषित करें।

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