भारतीय क्रिकेट जगत का चेहरा बदलने वाला कप्तान….

VOB Desk

सौरव गांगुली, जिसके प्रयासों ने भारतीय क्रिकेट टीम का रुप ही बदल डाला। वीरेंद्र सहवाग, युवराज, जहीर खान, हरभजन सिंह, इरफान पठान, महेंद्र सिंह धोनी आदि जैसे धुरंधर खिलाड़ी भारतीय टीम को दिए।

सौरभ गांगुली द्वारा जिंबाब्वे के गेंदबाज ग्रांट फ्लावर 3 बोल पर लगातार तीन छक्के और तीनों मैदान से बाहर यह अद्भुत नजारा सिर्फ और सिर्फ सौरव गांगुली के बल्ले से निकल सकता था। सौरव गांगुली को ऑफ साइड का भगवान भी कहा जाता है।

विदेशी खिलाड़ी भी तारीफ करते नहीं थकते….

एक इंटरव्यू के दौरान ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज रहे माइकल क्लार्क ने कहा कि जो भारतीय क्रिकेट टीम में बदलाव आया है उसकी नीव सौरव गांगुली ने रखी। एक कार्यक्रम में सौरव गांगुली के साथ बैठे वीरेंद्र सहवाग ने अपनी कुर्सी नीचे की और कहा कि मेरी हिम्मत नहीं कि मैं अपने कप्तान से ऊपर बैठूं। एक खिलाड़ी कभी भी अपने कप्तान से ऊपर नहीं हो सकता। हम सभी को बनाने वाले सौरव गांगुली ही हैं।

जीत की ख़ुशी ऐसी कि मैदान पर ही उतार दी टी-शर्ट….

सौरव गांगुली का टी-शर्ट वाला किस्सा भला कैसे भुलाया जा सकता है ये साल 2002 की बात है जब लॉर्ड्‍स क्रिकेट ग्राउंड की बालकनी में हजारों दर्शकों के सामने सौरव गांगुली ने अपनी टी-शर्ट उतार कर हवा में लहरा दी थी। दरअसल उस वक्त उन्होंने इंग्लैंड के एंड्रयू फ्लिंटॉफ को जवाब दिया था क्योंकि फ्लिंटॉप ने भी मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में अपनी टीम की जीत के बाद टी-शर्ट उतारकर मैदान पर दौड़ लगाई थी।

File Photo

विदेशी पिच पर जीतना सिखाया….

दादा जिसने विदेशी धरती पर भारतीय टीम को जीतना सिखाया। सौरव गांगुली भारत के ऐसे कप्तान हैं जिन्होंने विदेशी धरती पर 28 टेस्ट खेलते हुए 11 टेस्ट में जीत दर्ज की है। दादा उन विश्व के 15 खिलाड़ियों में शामिल हैं जिन्होंने 100 से अधिक टेस्ट और 100 से अधिक वनडे खेले। अपने टेस्ट करियर में दादा कभी भी 40 से नीचे के एवरेज के साथ नहीं खेलें। दादा विश्व के ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने लगातार चार वनडे मैच में चार बार मैन ऑफ द मैच रहे हैं। वर्ल्ड कप में श्रीलंका के खिलाफ 183 रन बनाने वाले अभी तक का किसी भी भारतीय का सर्वोत्तम स्कोर है।

लम्बे अरसे बाद विश्वकप क्रिकेट में भारत को पहचान दिलायी…..

सौरव गांगुली पहले राइट हैंड बैट्समैन थे लेकिन भाई को देखते देखते वह लेफ्ट हैंडेड बैट्समैन बन गए उसमें भी उन्होंने भारतीय टीम के लिए खेलते हुए कई कीर्तिमान स्थापित किए। सबसे ज्यादा रन, सबसे ज्यादा शतक,  सबसे ज्यादा अर्धशतक, सर्वोत्तम स्कोर, वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा रन, वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा शतक आदि शामिल।

विपरीत परिस्थितियों में भी टीम भावना को ठेस नहीं पहुँचने दी….

सौरव गांगुली के हाथों में भारतीय टीम की कमान तब तब ली जब भारतीय क्रिकेट टीम वर्ष 2000 में मैच फिक्सिंग के बुरे दौर से गुजर रही थी। तब स्थिति सौरव गांगुली के अनुकूल नहीं थी लेकिन सौरव गांगुली ने धीरे-धीरे स्थिति को कंट्रोल करते हुए आगे बढ़े।

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