कोई ख़्वाब टूटा है….
✍ Ashish Pal जो पाया तुमने वह अल्प तो नहीं था, यूं हार जाना भी कोई विकल्प तो नहीं था।
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Read moreमौसम जायसवाल हाँ मैनें समझा है उसेशरीर के भूगोल से इतरसमाज की दकियानूसी सोच से इतरहम सबके भीतर जड़ कर
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