ब्लाइण्ड बैंकर्स ऑफ इण्डिया ने की एक शाम कविवर “दिनकर” के नाम
Team VOB
ब्लाइण्ड बैंकर्स ऑफ इण्डिया एवं मध्यप्रदेश बैंकर्स विंग के संयुक्त तत्वाधान में दिनकर जी की 47वीं पुण्य तिथि (24 अप्रैल2021) के अवसर पर डॉ. खेमराज मगरदे भूतपूर्व प्राचार्य एवं विभागाध्यक्ष, हिन्दी विभाग, जैवन्ति हॉक्सर शास्कीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय बैतूल की अध्यक्षता में ऑनलाइन अखिल भारतीय काव्य संध्या का आयोजन किया गया। जिसमें भारत के कोने-कोने से कवियों ने नव चेतना पुञ्ज क्राँतिकारी तथा राष्ट्रीय कवि श्री रामधारी सिँह दिनकर जी की कविताओं का वाचन किया। इस काव्य संगोष्ठी की खास बात यह रही कि दृष्टि दिव्याँग एवं दृष्टिवान कवियों द्वारा एक साथ एक मंच पर काव्य वाचन किया गया ।उक्त संगोष्ठी में दिनकर जी की बाल कविताओं से लेकर सामाजिक चेतना, राष्ट्रीय भावनाओं की कविताओं का वाचन किया गया । काव्य संगोष्ठी का संचालन श्री पृयेश गुप्ता वन विभाग सत्पुड़ा भवन, भोपाल द्वारा किया गया । संगोष्ठी का शुभारंभ पृयेश जौञ्जलेकर द्वारा सरस्वती वन्दना के गायन से हुआ ।
श्री निशाँत शाह, प्रबन्धक राजभाषा महाराष्ट्र बैंक पुणे अंचल द्वारा काव्य संगोष्ठी में उपस्थित अध्यक्ष महोदय एवं कविगणों तथा सभी उपस्थित विद्वत जनों का स्वागत किया गया । मोहम्मद खालिद, वरिष्ठ प्रबन्धक पंजाब ऐण्ड सिन्ध बैंक एवं अध्यक्ष ब्लाइण्ड बैंकर्स ऑफ इण्डिया द्वारा ब्लाइण्ड बैंकर्स ऑफ इण्डिया का परिचय कराते हुए मार्गदर्शी वक्तव्य दिया गया । तत्पश्चात् श्री शिवकुमार बनखेड़े राजभाषा अधिकारी बैंक ऑफ बड़ौदा जबलपुर व सागर क्षेत्र द्वारा अध्यक्ष महोदय से परिचय कराते हुए कार्यक्रम की रूपरेखा सेरुबरू करवाया गया।
इसके बाद श्री शक्तीवीर सिँह राजभाषा अधिकारी बैंक ऑफ बड़ौदा मदुरै क्षेत्र द्वारा सामाजिक चेतना वादी, एवं राष्ट्र कवि श्री रामधारी सिँह दिनकर जी के जीवन के कुछ छूए – अनछूए पहलूओं पर प्रकाश डालते हुए उनकी साहित्यिक यात्रा के विषय में संक्षिप्त और सारगर्भित जानकारी दी गयी । काव्य पाठन की शुरुआत कवि दिलिप कुमार बरपेटे छिन्दवाड़ा द्वारा “चूहे की दिल्ली यात्रा” से हुई । कवि दिलीप ने “मिर्च का मजा” से करारा व्यंग किया। सुश्री बनश्री रॉय पश्चिम बंगाल से “रोटी ऑर स्वाधीनता” कविता पढ़ी । बैंक ऑफ बड़ौदा के क्षेत्रीय कार्यालय जलगाँव में पदस्थ सुश्री सुकन्या देवी द्वारा “सपनों का धुआँ” का वाचन किया गया। कोयम्बटूर से डॉ. पी बालामुर्गन “जवानी का झण्डा” लेकर निकले तो वैभव कुमार ने अपनी कविता “दिल्ली” से सभी को रूबरू कराया ।
तत्पश्चात् सुश्री निभा शर्मा , बेंगलुरु से आँदोलन करती दिखाई दी की यह “अंगरेजी नव वर्ष हमें स्वीकार नहीं” को सुनाया और बनारस हिन्दू विश्व विद्यालय से डॉ राहुल वज्रधर ने “लोहे के पेड़ हरे होंगे” के माध्यम से असम्भव में सम्भव करने की आशा जगाई। देश की आर्थिक राजधानी और मायानगरी मुंबई से सुश्री ममता शत्रुघन माली ने “हाहाकार” किया तो भोपाल से श्री पृयेश गुप्ता ने रश्मिरथी का पाठ किया । सुश्री गुड़िया चौधरी अससिसटेंट प्रोफ़ेसर , गुरुनानक कॉलेज चेन्नै से “जनतंत्र का जन्म” कविता का पाठ किया तो श्री अनुराग आनंद ने खेड़ा ने “रश्मिरथी के प्रथम सर्ग” का वाचन किया। जूनागढ़ रियासत से सुश्री मनीषा ने “करघा”कविता का पाठ किया तो वहीं सुश्री नॉमिता ने दिल्ली से “वसंत के नाम पर” कविता पढ़ी ।
अंत में अध्यक्ष महोदय ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में दिनकर की चर्चा करते हुए उनके काव्य में निहित पौराणिक प्रतिमानों के माध्यम से वर्तमान परिस्थितियों की समीक्षा के साथ-साथ कविता वाचकों की प्रशंसा की तथा दिनकर जी की प्रसिद्ध कविता “परशुराम की प्रतीक्षा” कविता का वाचन भी किया। कार्यक्रम का संयोजन श्री शिवकुमार बनखेड़े, राजभाषा अधिकारी, बैंक ऑफ बड़ौदा जबलपुर व सागर क्षेत्र तथा श्री शक्तिवीर सिँह, राजभाषा अधिकारी बैंक ऑफ बड़ौदा मदुरै क्षेत्र के अथक प्रयासों से किया गया । कार्यक्रम का औपचारिक समापन ब्लाइण्ड बैंकर्स ऑफ इण्डिया की सदस्य सुश्री अनामिका गुल्शन, प्रबन्धक बैंक ऑफ बड़ौदा, पुणे क्षेत्र द्वारा किया गया ।