उत्तर प्रदेश में योगी-राज: अपराध पर लगातार गाज
Team VOB
कानपुर के गैंगस्टर विकास दुबे की मौत से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल में हुई मुठभेड़ एक बार फिर से चर्चा का विषय बन गयी हैं। आज यानि की 10 जुलाई को विकास दुबे कानपुर देहात क्षेत्र के भौंती में एक मुठभेड़ में मारा गया, गैंगस्टर दुबे को उज्जैन से कानपुर लाया जा रहा था। उत्तर प्रदेश पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कानपुर के समीप ही एक वाहन से एक दुर्घटना हुई जिस पर दुबे ने मौके से भागने का प्रयास किया। एडीजी कानपुर रेंज जेएन सिंह ने कहा, “दुबे मुठभेड़ में घायल हुआ और कानपुर के अस्पताल में उसे मृत घोषित कर दिया गया।”
अगर अपराध करेंगे तो ठोक दिए जायेंगे….
मार्च 2017 के बाद जब से योगी आदित्यनाथ UP की सत्ता में आए हैं, तब से भारतीय जनता पार्टी और उसके कई समर्थक उनके “अपराध से निपटने” के लिए भरपूर प्रशंसा कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश में 2017 में योगी आदित्यनाथ सरकार के आगमन के बाद से पुलिस द्वारा मुठभेड़ में काफी वृद्धि देखी गई है। मुख्यमंत्री पद संभालने के बाद, योगी आदित्यनाथ ने राज्य को अपराध-मुक्त बनाने का अपना इरादा घोषित किया था। शपथ लेने के 3 महीने बाद जून 2017 में आदित्यनाथ ने एक इंटरव्यू में कहा था, “अगर अपराध करेंगे तो ठोक दिए जायेंगे”
6 महीनों के शासन में 420 मुठभेड़….
बाद में, यूपी पुलिस ने घोषणा की कि सरकार जिला पुलिस प्रमुखों को एनकाउंटर करने वाली टीम के लिए 1 लाख रुपये तक के पुरस्कार की घोषणा करने की अनुमति दे रही है। इसके कुछ ही महीने बाद 16 सितंबर, 2017 को, उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार के छह महीने पूरे होने पर राज्य की पुलिस ने आधिकारिक आंकड़ा जारी किया। पुलिस ने कहा कि इसने कथित अपराधियों के साथ 420 मुठभेड़ों को अंजाम दिया, जिसमें 15 मारे गए। पुलिस महानिदेशक द्वारा जारी आंकड़े बताते हैं कि मार्च और सितंबर के मध्य मुठभेड़ों में एक सब-इंस्पेक्टर और 88 अन्य पुलिसकर्मियों को चोटें भी आयीं।
दो साल का कार्यकाल और 7000 से अधिक अपराधी गिरफ्तार….
वर्ष 2018 में UP के मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडे द्वारा भेजे गए पत्र के अनुसार, जुलाई 2018 तक राज्य में 3026 मुठभेड़ को अंजाम दिया गया, जिसमें 69 अपराधियों को मार गिराया गया था और 7043 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया था इन मुठभेड़ों में 838 अपराधी चोटिल भी हुए थे। 2019 में गणतंत्र दिवस से पहले, उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने सभी जिला मजिस्ट्रेटों को एक विज्ञप्ति भेजी, जिसमें कहा गया कि वे सरकार के पहले 16 महीनों में 3,200 से अधिक मुठभेड़ों और 79 बदमासों को मारने को सार्वजनिक कर राज्य सरकार की उपलब्धि के रूप में प्रचारित करें।
खौफ ऐसा कि अपराधियों ने अपनी जमानत ही रद्द करा ली….
जनवरी 2019 में मुठभेड़ों, अपराधियों की हत्या, और गिरफ्तारियों का आंकड़ा राज्य में गणतंत्र दिवस पर प्रचारित करने के लिए सरकारी उपलब्धियों की सूची में शामिल कर लिया गया। उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्य सचिव ने सरकार की उपलब्धियों की सूची के साथ गणतंत्र दिवस से पहले सभी जिलों के मजिस्ट्रेटों को एक सन्देश भेजा। इस पत्र में कहा गया कि अपराध पर प्रभावी नियंत्रण के लिए वांछित अपराधियों को गिरफ्तार करने के लिए राज्यव्यापी अभियान चलाया जा रहा है। मुख्य सचिव के इस सन्देश के अनुसार, उस अवधि तक लगभग 12 हजार अपराधियों ने अपनी जमानत रद्द कर दी और अदालतों में आत्मसमर्पण कर दिया।
जब हर महीने 8 से अधिक अपराधी ढेर किये….
पूर्व आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि मार्च 2017 से लेकर दिसंबर 2018 की अवधि के दौरान, हर दिन औसतन छह मुठभेड़ हुईं, जिसमें 14 अपराधी गिरफ्तार हुए। साथ ही, हर महीने मुठभेड़ों में कम से कम चार अपराधी मारे गए। 15 दिसंबर, 2017 तक सरकार के पहले नौ महीनों में, 17 अपराधी मारे गए यानी कि लगभग 2 अपराधी प्रति माह, यह आंकड़ा अगले सात महीनों तक तेजी से बढ़ा और जनवरी 2018 से जुलाई 2018 के बीच, मुठभेड़ों में 61 अपराधी मारे गए (माने आठ से भी अधिक अपराधी हर महीने) ।
विपक्ष, विकास दुबे के एनकाउंटर पर योगी को घेर रहा है….
आज हुए विकास दुबे के एनकाउंटर को लेकर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर कई तरह के सवाल उठाये जा रहे है, समाजवादी पार्टी के नेता एवं उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का कहना है कि “यह विकास दुबे की गाड़ी पलटी नहीं है बल्कि सरकार को पलटने से बचाने के लिए पलटाई गयी है” वहीं कांग्रेस नेता प्रियंका गाँधी ने भी योगी सरकार पर निशाना साधते हुए पूरे मामले की सीबीआई से जांच कराने की बात कही है। सोशल मीडिया पर भी इस एनकाउंटर पर लोग कई तरह के सवालिया निशान लगा रहे हैं। हालांकि राज्य सरकार का स्पष्ट कहना है कि अपराधी विकास दुबे भागने की फिराक में था और उसने पुलिस की टीम पर भी हमला करने की कोशिश की थी इसलिए जवाबी कार्यवाही में वह मारा गया।